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केंद्रीय मंत्री श्री Arjun Munda ने पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का झारखंड में किया शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री श्री Arjun Munda ने खूंटी, झारखंड में पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि यह मेला देश के पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक होगा, जिसकी सार्थकता खेतों में नजर आएगी। केंद्र सरकार की कोशिश है कि हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बने और हमारे किसानों की आय बढ़े। किसानों को गर्व से यह कहने का मौका मिले कि हम किसी के मोहताज नहीं हैं, बल्कि हम मजबूत हैं और हमारे माध्यम से हमारा देश भी सशक्त है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, रांची के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र, तोरपा, खूंटी में आयोजित इस मेले में पूर्वी राज्यों के हजारों किसान शामिल हुए हैं। यहां मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से कैसे जोड़ा जाए, उनकी आय बढ़ाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर कैसे बनाएं, कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों का समाधान कैसे हो, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस वृहद मेले का आयोजन किया गया है...

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (Award) अब से "मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार" के नाम से जाना जायेगा

modi ji changed the name of rajiv ghandhi khel ratna award to dhyanchand
आज प्रधान मंत्री मोदी जी ने एक बड़ा फैसला लिया है, इन्होने खेल रत्न पुरस्कार जो राजीव गाँधी जी के नाम पर था, उस नाम को बदलने का निर्णय कर आज से खेल पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के नाम से देश के खिलाडियों को सम्मान के रूप में दिया जायेगा |

मोदी जी ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि " ये अवॉर्ड हमारे देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करेगा। ध्यानचंद भारत के पहले खिलाड़ी थे, जो देश के लिए सम्मान और गौरव लाए इसलिए देश में खेल का सर्वोच्च पुरस्कार उनके नाम पर रखा जाना ही उचित है।"

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में हुआ था और भारत में यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। ध्यानचंद ने सिर्फ 16 साल की उम्र में भारतीय सेना ज्वाइन कर ली थी और वे अपने ड्यूटी के बाद चांद की रोशनी में हॉकी की प्रैक्टिस करते थे, इसलिए उन्हें ध्यानचंद कहा जाने लगा। उनके खेल की बदौलत ही भारत ने 1928, 1932 और 1936 के ओलिंपिक हॉकी में गोल्ड मेडल जीता था। 1928 में एम्सटर्डम ओलिंपिक में उन्होंने सबसे ज्यादा 14 गोल किए और इसीलिए इन्हे ( ध्यानचंद ) हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा था। मेजर ध्यानचंद की मृत्यु 3 दिसम्बर 1979 को हुआ था |

हमारे देश में  राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारतीय खेलों का सर्वोच्च पुरस्कार था। सरकार ने 1991-92 में इस पुरस्कार की शुरुआत की थी और इसे जीतने वाले खिलाड़ी को Commendation (प्रशस्ति पत्र ) , अवॉर्ड और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है। 

सबसे पहला राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था और इनके बाद अब तक 45 लोगों को ये अवॉर्ड दिया जा चुका है। हाल ही में क्रिकेटर रोहित शर्मा, पैरालंपियन हाई जम्पर मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस प्लेयर मोनिका बत्रा, रेसलर विनेश फोगाट को ये अवॉर्ड दिया गया है।

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