ANSU ने सरकार से दो मांगे रखी है, उनकी मांग है कि मौजूदा कमिश्नर (एजुकेशन) निहारिका राय का राज्य से बाहर ट्रांसफर किया जाए और ANSU के खिलाफ दर्ज किए गए क्रिममिनल केस तत्काल खत्म किए जाएं।
ANSU ने आरोप लगाया है कि निहारिका राय छात्रों को न्याय नहीं दिला सकती है, इसलिए उन्हें अरुणाचल प्रदेश राज्य में किसी भी पद रहने का कोई अधिकार नहीं है। ANSU ने कहा है कि यूनियन इन मांगों पर कई महीनों से दबाव बना रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से कोई नतीजा नहीं निकला है।
अपनी दूसरी मांग पर ANSU ने जोर देते हुए कहा है कि ANSU टीम के खिलाफ दर्ज किमिनल केस को तत्काल खत्म किया जाए। यूनियन का कहना है कि ANSU की केंद्रीय कार्यकारी सदस्यों की टीम ने सितंबर महीने में राज्य के सीएम पेमा खांडू के साथ 14 पॉइट्स पर एक मीटिंग की मांग की थी।
ANSU ने आगे कहा कि सीएम के साथ मीटिंग के बाद सभी समस्याओं को सुलझा लिया गया था, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ दिनों बाद यूनियन के खिलाफ एक FIR दर्ज करने की सूचना मिली, जो कि बिना किसी सच्चाई के मनगढंत है।
राज्य बंद के दौरान किसे मिली छूट :- दिन भर की इस बंदी में यूनियन ने एंबुलेंस सर्विसेज, मेडिकल सर्विसेज, फॉर्मेसी, मीडिया कर्मियों, दूध की गाड़ी, फायर बिग्रेड को छूट दी गई है।
जिला प्रशासन ने समस्याओं को सुलझाने के लिए ANSU को बुलाया था, लेकिन उन्होंने मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया और कहा कि हमने तीन महीने तक इंतजार किया है, अब आखिरी वक्त पर मीटिंग करने का कोई फायदा नहीं है।
* जिला प्रशासन ने इस बंद को अवैध घोषित कर दिया है और धारा 144 लगा दिया है।
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