बिज़नेस जगत के कई एक्सपर्ट भी मानते हैं कि ChatGPT कई ह्यूमन जॉब्स को खा सकता है तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चैट जीपीटी से लोगों के लिए जॉब के और मौके बनाएगा |
इस चर्चा पर इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने एक मजेदार प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कभी इंसान की जगह नहीं ले सकता |'
नारायणमूर्ति ने कहा, इसकी वजह यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित इक्विपमेंट विकसित करने वाले लोग AI को कभी ऐसा अनुमति नहीं देंगे मुझे लगता है कि यह गलत धारणा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसान की जगह ले सकती है |'
इंफोसिस के फाउंडर ने आगे कहा है कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे लिए एक काम करेगा और यह हमारा जीवन और आसान बनाने में मदद करने वाला है, कोई भी टेक्नॉलॉजी मनुष्य के जीवन को आरामदेह बनाने के लिए आती है, इंसान के पास दिमाग की ताकत होती है जिसका मुकाबला कोई कंप्यूटर नहीं कर सकता | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्य के अधिक समय को उपयोगी बना देगा और मनुष्य उस खाली समय का आनंद लेने की जगह नई चीजों के बारे में सोचना शुरु करेगा और व्यस्त हो जाएगा |'
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