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केंद्रीय मंत्री श्री Arjun Munda ने पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का झारखंड में किया शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री श्री Arjun Munda ने खूंटी, झारखंड में पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि यह मेला देश के पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक होगा, जिसकी सार्थकता खेतों में नजर आएगी। केंद्र सरकार की कोशिश है कि हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बने और हमारे किसानों की आय बढ़े। किसानों को गर्व से यह कहने का मौका मिले कि हम किसी के मोहताज नहीं हैं, बल्कि हम मजबूत हैं और हमारे माध्यम से हमारा देश भी सशक्त है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, रांची के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र, तोरपा, खूंटी में आयोजित इस मेले में पूर्वी राज्यों के हजारों किसान शामिल हुए हैं। यहां मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से कैसे जोड़ा जाए, उनकी आय बढ़ाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर कैसे बनाएं, कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों का समाधान कैसे हो, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस वृहद मेले का आयोजन किया गया है...

50% गैर जीवाश्म आधारित ईंधन का Production Target- PM मोदी

Production target of 50% non-fossil based fuel by 2030 – PM Modi
गोवा में G 20 ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से हरित विकास और एनर्जी ट्रांजिशन के क्षेत्र में भारत की ओर से किए जाने वाले बड़े प्रयासों की चर्चा की है |

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'भारत सबसे अधिक आबादी वाला राष्ट्र है और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, फिर भी हम अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।'

PM मोदी जी ने कहा, 'हमने 9 साल पहले अपने गैर-जीवाश्म, स्थापित विद्युत क्षमता लक्ष्य को हासिल कर लिया है, हमने अब एक उच्च लक्ष्य निर्धारित किया है, हम 2030 तक 50% गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं। भारत सौर और पवन ऊर्जा के मामले में वैश्विक लीडर्स में से एक है।'

PM मोदी जी ने कहा, 'हमने इस साल 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का रोलआउट शुरू किया है, हमारा लक्ष्य 2025 तक पूरे देश को कवर करना है। हमें प्रौद्योगिकी अंतराल को पाटने, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने और आपूर्ति शृंखलाओं में विविधता लाने के तरीकों को खोजने की जरूरत है।'

 

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