इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान; राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
कौशल भवन भारत के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उपकरणों और अवसरों के साथ सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, जो अग्रणी कौशल विकास पहलों पर विचार, सहयोग और कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया कार्यक्षेत्र रचनात्मकता, उत्पादकता को बढ़ावा देने और जीवन शक्ति की एक नई छवि का विस्तार करने के प्रति समर्पण को दर्शाता है। भवन के डिज़ाइन में पर्यावरणीय दायित्व के लिए निर्देशित एक राजसी बरगद के पेड़ सहित दो विशाल पेड़ों का संरक्षण शामिल है। यह वास्तुशिल्प चमत्कार प्रकृति के संरक्षण के साथ प्रगति का मिश्रण करते हुए सतत विकास के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
राष्ट्रपति ने उन लाभार्थियों के साथ सार्थक बातचीत भी की, जो कौशल भारत के कौशल विकास और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों से सीधे लाभान्वित हुए हैं। इस बातचीत के सत्र ने राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों से जुड़ने का प्रत्यक्ष अवसर प्रदान किया, जिनका जीवन मूल्यवान कौशल प्राप्त करने और बढ़ी हुई डिजिटल साक्षरता के माध्यम से बदल गया है। यह इस बात पर बल देता है कि कौशल भवन एक ऐसा स्थान बनने की आकांक्षा रखता है जहां जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्ति एक साथ आते हैं, सीखते हैं, अनुकूलन करते हैं और ज्ञान तथा कौशल के निरंतर विकसित होते परिदृश्य में पनपते हैं।
केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कौशल भवन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा “कौशल भवन, टिकाऊ डिजाइन प्रथाओं के साथ कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का अत्याधुनिक कार्यालय, कौशल इकोसिस्टम के अधिक उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा, हम सभी को कौशल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और कौशल को लोगों के सशक्तिकरण के साथ-साथ विकसित भारत का चालक बनाने के लिए प्रेरित करेगा।”
Comments
Post a Comment