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केंद्रीय मंत्री श्री Arjun Munda ने पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का झारखंड में किया शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री श्री Arjun Munda ने खूंटी, झारखंड में पूर्वी क्षेत्र कृषि मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि यह मेला देश के पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक होगा, जिसकी सार्थकता खेतों में नजर आएगी। केंद्र सरकार की कोशिश है कि हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बने और हमारे किसानों की आय बढ़े। किसानों को गर्व से यह कहने का मौका मिले कि हम किसी के मोहताज नहीं हैं, बल्कि हम मजबूत हैं और हमारे माध्यम से हमारा देश भी सशक्त है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, रांची के तत्वावधान में कृषि विज्ञान केंद्र, तोरपा, खूंटी में आयोजित इस मेले में पूर्वी राज्यों के हजारों किसान शामिल हुए हैं। यहां मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से कैसे जोड़ा जाए, उनकी आय बढ़ाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर कैसे बनाएं, कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों का समाधान कैसे हो, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस वृहद मेले का आयोजन किया गया है...

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कौशल भवन का उद्घाटन किया

President Smt. Draupadi Murmu inaugurates Kaushal Bhawan
राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गर्व से भरे एक महत्वपूर्ण अवसर पर, आज कौशल भवन का उद्घाटन किया - यह कौशल के माध्यम से देश के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत के अटूट समर्पण का प्रतीक है। कौशल भवन कौशल भारत मिशन के अंतर्गत युवाओं को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है, जो क्षमता निर्माण और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराता है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा कौशल भवन में परिकल्पित कार्यक्रम और पहल भारत की युवा प्रतिभा की आकांक्षाओं को पूरा करने और उसका पोषण करने, देश को एक उज्ज्वल और अधिक कुशल भविष्य की दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार हैं।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान; राज्य मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर  और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।

कौशल भवन भारत के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उपकरणों और अवसरों के साथ सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। यह अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, जो अग्रणी कौशल विकास पहलों पर विचार, सहयोग और कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया कार्यक्षेत्र रचनात्मकता, उत्पादकता को बढ़ावा देने और जीवन शक्ति की एक नई छवि का विस्तार करने के प्रति समर्पण को दर्शाता है। भवन के डिज़ाइन में पर्यावरणीय दायित्व के लिए निर्देशित एक राजसी बरगद के पेड़ सहित दो विशाल पेड़ों का संरक्षण शामिल है। यह वास्तुशिल्प चमत्कार प्रकृति के संरक्षण के साथ प्रगति का मिश्रण करते हुए सतत विकास के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।

राष्ट्रपति ने उन लाभार्थियों के साथ सार्थक बातचीत भी की, जो कौशल भारत के कौशल विकास और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों से सीधे लाभान्वित हुए हैं। इस बातचीत के सत्र ने राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों से जुड़ने का प्रत्यक्ष अवसर प्रदान किया, जिनका जीवन मूल्यवान कौशल प्राप्त करने और बढ़ी हुई डिजिटल साक्षरता के माध्यम से बदल गया है। यह इस बात पर बल देता है कि कौशल भवन एक ऐसा स्थान बनने की आकांक्षा रखता है जहां जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्ति एक साथ आते हैं, सीखते हैं, अनुकूलन करते हैं और ज्ञान तथा कौशल के निरंतर विकसित होते परिदृश्य में पनपते हैं।

केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कौशल भवन का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आभार व्यक्त किया।  उन्होंने कहा “कौशल भवन, टिकाऊ डिजाइन प्रथाओं के साथ कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का अत्याधुनिक कार्यालय, कौशल इकोसिस्टम के अधिक उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा, हम सभी को कौशल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और कौशल को लोगों के सशक्तिकरण के साथ-साथ विकसित भारत का चालक बनाने के लिए प्रेरित करेगा।”

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